रविवार, 4 सितंबर 2022

'' अभिनन्दन तेरा साल नवागत ''

    '' अभिनन्दन तेरा साल नवागत ''


नई ऊर्जा लेकर नव वर्ष की आई है नई सुबह
मन है पुलकित नई नेमतें ले आई है नई सुबह ।

नई उमंगें नई तरंगें लेकर आया साल नया
नई हिलोरें लें मन में अंगड़ाई आया साल नया
कर के इक युग का अन्त आया साल नया
बीते साल ने की मेहरबानी भेज कर साल नया ।

फांस जो कुछ भी है बीते युग की दिल में 
सूनें,सुनाएँ दिलों की सुलझाएं आया साल नया
इक दूजे को दिल में बसाएँ और बसें हम
करें भूले विसरों को याद चलो आया साल नया ।

चाहे जैसे गुजरा पर गुजरा पिछला वर्ष 
फिर ना देहरी दहशत लांघे आया साल नया
नए उछाह से नवल वर्ष में हो नव उत्कर्ष 
धवल प्रवाह से नव पर्व मनाएं आया साल नया ।

अनसुलझी सुलझााएं पहेली नई पहल से  
हर्ष आह्लाद से करें अभिनंदन आया साल नया
नव वर्ष के शुभागमन में हो नव आयोजन
हो नव वर्ष का मंगल सूर्योदय आया साल नया ।

बीते वर्ष के अवसान तले करें दफ़न हम
क्रोध,अहं,द्वेष नई भावना भरें आया साल नया
नव वर्ष में फूटे नेह से नव प्रेम का अंकुर 
मन भाव भरें राष्ट्र कल्याण का आया साल नया ।

                                                  शैल सिंह


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