सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

आज़ अपने मन की ख़ुशी परोसते हुए बहुत ही प्रसन्नता हो रही है , ''भोर की ओर '' गद्य-पद्य संयुक्त संग्रह कई पायदानों से गुजर कर आज मुझे हस्तांतरित हुई । ''भोर की ओर '' २२ कवियों /लेखकों का अनोखा संयुक्त संग्रह है । सम्पादकीय लिखने के साथ-साथ इसमें मेरी पाँच कवितायेँ और पाँच कहानियां भी प्रकाशित हैं ।
संपादक ई.सत्यम शिवम ,सह-संपादक शैल सिंह एवं ई.अर्चना नायडू के प्रयासों का उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ के सौजन्य से यह नायाब तोहफ़ा मेरे ख़याल से '' भोर की ओर ''से सम्बद्ध सभी कवियों ,लेखकों को प्राप्त हो गए  होंगे । 





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